राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन में दूध की आवक कम होने की वजह से सरस घी दरों में तेजी से वृद्धि हो रही है। फैडरेशन 17 महीने में सरस घी के दामों में 180 रुपए प्रतिलीटर की बढ़ोतरी कर चुका है। 17 महीने पहले 15 किलो सरस घी का टिन पैक उपभोक्ता को 4 हजार 800 रुपए में मिल रहा था। अब इसकी दरें बढ़कर 7 हजार 500 रुपए हो गई है। ये दरें अब तक सरस घी की सबसे अधिक हैं।
दो साल में दूध संकलन 6 लाख लीटर प्रतिदिन घटा
प्राइवेट डेयरियों के सक्रिय हाेने से सरस डेयरियों में दूध की आवक लगातार गिरती जा रही है। यह सिलसिला गत तीन साल से चल रहा है। हालात यह है कि इस वर्ष ताे प्रदेश की 21 सरस डेयरियों में गत साल से 2 प्रतिशत दूध कम आ रहा है। वर्ष 17-18 में करीब 28 लाख लीटर दूध आ रहा था, लेकिन अब यह घटकर 27 लाख लीटर रह गया है। दूध की आवक सबसे कम सीजन के समय नवम्बर और दिसंबर में रही है। मई और नवम्बर 2019 में ताे गत साल की अपेक्षा पांच लाख लीटर प्रतिदिन कम आया है। वर्ष 2017-18 में नवम्बर माह में दूध 32 हजार लीटर प्रतिदिन आया था, जाे वर्ष 2018-19 में 6 लाख लीटर प्रतिदिन घटकर 26 लाख 16 हजार लीटर रह गया।
घी बेचने के लिए स्कीमें लांच कीं, अब घी ही नहीं है
2017 में दूध की बंपर आवक रही। सर्दियों में दूध 32 लाख लीटर प्रतिदिन पहुंच गया था। असर यह रहा की अगस्त 2018 में आरसीडीएफ को सरस घी बेचने के लिए स्कीमें लांच करनी पड़ी। डेयरी संघों में सरस घी रखने के लिए जगह नही थी। अब हालात यह है कि दूध की रेट बढ़ रही हैं और दूध पाउडर बन नहीं रहा है। अधिकारी समय रहते हुए चेते ताे इसका खामियाजा लाेगाें के गर्मियों में भुगतना हाेगा।
दूध की अपेक्षा दाम बढा़ने में लगे अफसर
दूध में बढ़ोतरी करने की अपेक्षा आरसीडीएफ के अफसर दाम बढ़ाने में लगे हुए हैं। अफसर फील्ड में नहीं जाकर आफिस में बैठे ही दूध बढ़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं। ये प्लानिंग फिजिबल नहीं हाेने से फेल साबित हाे रही है। इसका फायदा प्राइवेट डेयरियां उठा रही है। 21 डेयरी संघों में से अकेली जयपुर डेयरी है, जिसमें दूध की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। बाकी डेयरी संघों में दूध की निरंतर कमी हाे रही है। यहीं स्थिति रही ताे गर्मियों में दूध का संकट खड़ा हाे सकता है, क्योंकि दूध की आवक नहीं हाेने से पाउडर भी नहीं बन रहा है।